और इस तरह से कुछ चुलबुले शैतान बच्चों और सभ्य, शिक्षित मास्टर साब की pari द...
शहर में एक छोटी सी दुकान , जिसमें कुछ चिप्स , पापड़ , टॉफी , बिस्किट आदि की बिक्री होती थी। यह दुकान अब्दुल मियां की थी। इनकी हालात सभी लोगों को मालूम थी , इसलिए ना चाहते हुए भी आस पड़ोस के लोग कुछ ऐसा सामान ले लिया करते थे। जिससे अब्दुल मियां की कुछ कमाई हो जाए।
और इस तरह से कुछ चुलबुले शैतान बच्चों और सभ्य, शिक्षित मास्टर साब की दुश्मनी का अन्त हो
अब्दुल को गुस्सा आया उसने एक डंडा उन चूहों की ओर जोर से चलाया।
एक लाठी निकाली और कालिया की मरम्मत कर दी।
मोरल – जब आप किसी की सहायता करते हैं निर्दोष लोगों को परेशान नहीं करते तो प्रकृति भी आपकी सहायता करती है। जब आप प्रकृति का नुकसान पहुंचाते हैं तो प्रकृति भी आप को नुकसान पहुंचाती है, यह नुकसान दीर्घकालिक होता है।
राजा की नींद खुल जाती है अपने ऊपर हुए हमले को जानकर वह बहुत भयभीत हो जाते हैं, किंतु दूसरे क्षण वह भील व्यक्ति पर प्रसन्न होकर उन्हें दो गांव देने का वायदा करते हैं।
बिल्ली इतना जोर – जोर से झपट रही थी गोपाल उसके नजदीक नहीं जा सका।
रामकृष्ण परमहंस उस वृक्ष के नीचे गए और विषधर को बुलाया। विषधर क्रोध में परमहंस जी के सामने आंख खड़ा हुआ। विषधर को जीवन का ज्ञान देकर परमहंस वहां से चले गए।
दूसरे दिन वह व्यक्ति अपने घर पर मुर्दा पाया गया। परिवार के सारे लोग इकट्ठे हो गए। सभी रो रहे थे। विलाप कर रहे थे। वही उसकी पत्नी सबसे ज्यादा दुखी हो रही थी।
एक दिन की बात है, अब्दुल बैठा हुआ था तीन – चार चूहे आपस में लड़ रहे थे।
मुकेश कोई छः – सात साल का होगा। उसे पेंटिंग करना और क्रिकेट खेलना बेहद पसंद है। खाली समय में वह क्रिकेट खेलता और पेंटिंग बनाया करता था।
के दूसरे बेटे ने इससे भी आगे सोचा। वह इस नतीजे पर पहुंचा कि शहर में सबसे सस्ता तो
हमारी कामना बस यही है की हम अपने वेबसाइट द्वारा लोगो को सही मार्ग दिखाएं व उन्हें उनके जीवन में सही मंजिल तक पहुचाएं